गर्म कॉफी सा वो

ओस की बूंदों सी मैं, सूरज की किरण सा वो।

 दिसंबर की ठंडी सी मैं, गर्म कॉफी सा वो ।


~●๋•ηινє∂ιтα ραтιℓ ●๋• ▐ ■ αттιтυ∂є ιѕ α ℓιттℓє тнιηg тнαт мαкєѕ α вιg ∂郃єяєη¢є■▐

Comments

Popular posts from this blog

चकवा-चांदणं..... एक वनोपनिषद

पर्यावरण संवर्धन...................

नमन नटवरा!!!!!!!!!!!